Tuesday, September 9, 2014

बताओ तो सही तुम गाय और गोवंश को क्यों काटते हो ????


आज मेट्रो मे गौमाता के विषय को लेकर चल रही 5 मित्रो (शायद तीन मुसलमान एवं दो हिन्दू) मे बहस हो रही थी । काफी देर तक मामला चलता रहा ।

हमसे रहा ना गया और बहस मे अपने यथा संभव ज्ञान के साथ हम भी कूद पड़े ...

मैं : कृपया करके मुझे बताए कि क्या ये सच है कि गौमाता को मारना मुसलमानों के लिए आवश्यक है ???
उत्तर : यह हमारा धार्मिक मामला है ...

मैं : जब अरब देशों में जहाँ इस्लाम का जन्म हुआ वहाँ गाय होती ही नहीं ! फिर धार्मिक बंदिश के तहत गाय की कुर्बानी को कैसे आवश्यक बताया जा सकता है?
उत्तर : आपसे किसने कहा ?? वहा तो बहुत गाय है ।

मैं : जी सही फरमाया आपने, और आपकी जानकारी के लिए बता दु कि दुनिया कि सबसे बड़ी Cow Milk Dairy भी वही है
उत्तर : हा बिलकुल होगी, इसी से अंदाजा लगा लो कि उस मुस्लिम देश मे कत्लखाने भी बहुत होंगे ????

(अब टाइम आ गया था अपने तूरप के पत्ते खोलने का, हमने किया Google और लगा दी उनके सामने प्रश्नो कि झड़ी ...... )

हंमने कहा : -
पैगम्बर मुहम्मद साहब नाशियातहादी ग्रन्थ में कहते हैं कि गाय का दूध और घी तुम्हारी तंदुरुस्ती के लिए बहुत अच्छा और जरूरी है, किन्तु गाय का मॉस नुकसान करने वाला है !

इतिहास गवाह है :-
1 - पहले मुग़ल शासक बाबर ने अपने पुत्र हुमायूं को गोवंश की हत्या न करने के सम्बन्ध में पत्र लिखकर कहा था कि तुम अपने शासन में कभी गोवंश की हत्या न होने देना तथा सदा गाय की हिफाजत करना !
2 - अकबर ने भी अपने शासनकाल में गोहत्या पर पाबन्दी लगाई !
3 - औरंगजेब तो इस्लाम के विषय में ही भ्रमित था और पूरी तरह शाकाहारी था !
4 - बहादुर शाह जफ़र के राज्य में तो ईद के दिन पहरा रहता था, ताकि कोई गाय का क़त्ल न कर दे !
5 - ब्रिटिश फ़ौज में गोमांस पूर्ति के के लिए गौमाता को क़त्ल करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने मुस्लिम कसाइयों को इस धंधे में लगाया ताकि हिन्दू-मुसलामानों का आपस में बैर बढे और उनकी फूट डालो शासन करो वाली नीति कामयाब हो !

मेरे प्रश्नो कि झड़ी से वो निरुत्तर हो गए और नीचे गर्दन करके सोचने लगे । उनको ऐसे देख कर मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था और आस पास के लोग मुझे चमकीली नजरों से देखते हुये ऐसे मुस्कुरा रहे थे जैसे कि मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी मे इतिहास का प्रोफेसर हु ।

वैसे मुझे डर भी लग रहा था कि कही ये अगले स्टेशन पर ही मुझे उतार कर कूट न दे, लकीन फिर भी न जाने क्यूं मुझे उंगली करने का मन हुआ और मैंने पूछा - भैया बोलो तो बताओ तो सही तुम गाय और गोवंश को क्यों काटते हो ????

तो उनमे से एक भाई जान अपनी सीट से उठा और बिलकुल मेरे करीब आकर आंखो मे आंखे डालकर झल्लाकर बोला - आप बेंचते क्यों हो ????? आप बेंचते हो तो हम काटते है । हिन्दू जीते जी बेचता है , मुसलमान काट के बेचता है ।

मेरे पैर के नीचे से जमीन सी खिसक गयी ....... क्यूकी इस बार मैं निरुत्तर था , और मैं चुपचाप अगले स्टेशन पर उतार लिया .... लेकिन उसके अंतिम वाक्य अभी भी मुझे सोचने पर मजबूर कर रहे है .......


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